ज्योतिषिय उपाय : कितना काम करते हैं ?
ज्योतिषिय उपाय के बारे में समझने वाली मुख्य बात यह है कि कोई भी व्यक्ति पाप ग्रहों के बुरे प्रभावों को समाप्त नहीं कर सकता है। कोई उनके प्रभाव को कुछ हद तक ही कम कर सकता है। कुंडली में अशुभ ग्रहों का उपाय करने का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति ने उनके बुरे प्रभाव को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। जो होना है वह तो होगा लेकिन उसकी तीव्रता कम हो जाएगी। उदाहरण के लिए – यदि दुर्घटना होनी है, तो होगी, लेकिन यदि दुर्घटना होने से पहले ही उपाय किया जा चुका है तो इसका उतना बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा जितना कि उस अवधि में संबंधित ग्रह के अशुभ प्रभाव के उपाय किए बिना हो सकता था।
एक और उदाहरण मान लीजिए कि बरसात हो रही है और हम भीगना नहीं चाहते हैं तो हम रेनकोट पहनते हैं या छाता लेकर चलते हैं। हम बरसात को आने से नहीं रोक सकते हैं लेकिन हम स्वयं को एक निश्चित सीमा तक भीगने से बचा सकते हैं या बरसात शुरू होने से पहले हम अपना काम पूरा कर सकते हैं या बरसात बंद होने के बाद अपना काम पूरा करने के लिए बाहर जा सकते हैं। इसलिए इससे पता चलता है कि हम किसी खास हद तक कुछ उपाय करके बुरे प्रभावों को कम कर सकते हैं।
दूसरी बात यह भी कि, इसका मतलब यह नहीं है कि यदि किसी ने ग्रहों का उपाय किया है तो उसे बिना कोई प्रयास किए अच्छे परिणाम मिलेंगे। उदाहरण के लिए – तैयार भोजन आपके सामने रखा जाता है और आप सोचते हैं कि यह आपके मुंह में अपने आप चला जाएगा, नहीं। आपको इसे अपने मुंह में डालने और इसे चबाने का प्रयास करना होगा। उसी प्रकार अशुभ ग्रहों के कुछ उपाय करने के बाद अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए भी कुछ प्रयास करने पड़ते हैं। यदि कोई विद्यार्थी यह सोचता है कि यदि उपाय अच्छे परिणाम के लिए किया है तो उसे पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है, तो वह बहुत बड़ी भूल है। प्रयास किए बिना वह उपाय के अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं कर पाएगा।
किसी भी व्यक्ति को उपाय हमेशा ही पूरे सम्मान, और विश्वास के साथ करना चाहिए। इनके बिना उपाय करने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि अधिकांश उपाय कंपन पर आधारित होते हैं, उदाहरण के लिए – रंग चिकित्सा, रत्न चिकित्सा, विशेष दान देना, मंत्रों का पाठ, प्रार्थना करना आदि। इसलिए यदि सही समय पर कोई उपाय पूरे सम्मान एवं विश्वास के साथ किया जाता है, और साथ ही प्रयास भी किये जाते हैं तो निश्चित ही अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे ।