वास्तु एवं ईशान कोण
- ध्यान रहे कि फैक्ट्री-उद्योग, स्टाल, होटल एवं कामर्शियल कांपलेक्स का ईशानकोण कभी भी अन्य दीवारों से ऊंचा नहीं होना चाहिए।
2. फैक्ट्री के ईशानकोण को छोड़कर, अन्य किसी भी दिशा में कुएं अथवा गड्ढे हों तो उस गृह स्वामी को दुष्परिणामों का शिकार होना ही पड़ेगा।
3. ईशान दिशा में कोई भी त्रुटि दरार, गड्ढा या भग्नावशेष हो तो गृह स्वामी उद्योगपति की संतान विकलांग होगी।
4. ईशान में पाखाना हो तो गृह-कलह होगी, फैक्ट्री में मजदूर लड़ेंगे, फैक्ट्री स्वामी दुश्चरित्रता एवं दीर्घ व्याधियों का शिकार होगा।
5. ईशान दिशा में रसोई घर हो, तो निरंतर गृह-कलह एवं धन का क्षय होगा।
6. ईशान दिशा में कूड़े-कचरों का ढेर, अथवा पत्थरों का ढेर, अटाला-कबाड़े के सामान भूलकर भी न रखें, अन्यथा भू-स्वामी के लिए शत्रुता, आयु-क्षीणता एवं दुश्चरित्रता उत्पन्न होगी।
7. वास्तुशास्त्र के नियमों के हिसाब से घर के कमरे में ईशान दिशा से सटाकर मच्छरदानी की छड़ियां या अन्य किसी प्रकार का बेकार सामान, यहां तक कि झाडू को भी नहीं रखना चाहिए। अन्यथा वहां स्थाई दरिद्रता का निवास हो जाएगा।